अलंकार की परिभाषा (Alankar Ki Paribhasha) अलंकार वह शब्द होते है, जो काव्य व रचना की शोभा को बढ़ाते है |
जिस प्रकार एक स्त्री की शोभा उसके आभूषण होते है, उसी प्रकार काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दोंको काव्य का आभूषण यानि कि अलंकार कहते है |
अलंकार 3 प्रकार के होते है | 1. शब्दालंकार, 2. अर्थालंकार, 3. उभयलाकर
उत्तर- अलंकार का उदाहरण "रहिमन पानी रखिए, बिन पानी सब सून | पानी गये न उबरे, मोती मानुष चून | |
यमक अलंकार का उदाहरण निम्न है | कनक-कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय | या खाए बौराय जग, वा पाए बौराय |
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर | जय कपीस तिहु लोक उजागर" | में अन्त्यानुप्रास अलंकार है |
रूपक अलंकार का उदाहरण- पायों जी मैंने राम रतन धन पायो |