जब दो समान वर्णो के मेल से जो विकार/बदलाव उत्पन्न होता है, उस बदलाव को ही संधि (Sandhi) कहते है | संधि शब्द का निर्माण सम् + धि शब्द से हुआ है, जिसका शाब्दिक अर्थ मेल या जोड़ होता है |
जब दो निकटवर्ती वर्णो के परस्पर मेल से जो विकार/परिवर्तन होता है, उसे संधि (Sandhi) कहते है |
Sandhi Ke Bhed की बात की जाए, तो संधि के 3 प्रकार होते है |- 1. स्वर संधि (Swar Sandhi) 2. व्यंजन संधि (Vyanjan Sandhi) 3. विसर्ग संधि (Visarg Sandhi)
दीर्घ संधि के उदाहरण निम्न है- धर्म + अर्थ = धर्मार्थ, विद्या + आलय = विद्यालय, स्व+आधीन =स्वाधीन आदि |
विद्यालय में स्वर संधि (Swar Sandhi) है |
संधियों के 3 प्रकार निम्न है |-1. स्वर संधि, 2. व्यंजन संधि, 3. विसर्ग संधि |
जब दो स्वरों के मेल से होने वाले विकार (परिवर्तन) को ही स्वर संधि (Swar Sandhi) कहते है |
5 प्रकार के होते है, 1. दीर्घ संधि 2. गुण संधि 3. वृद्धि संधि 4. यण संधि 5. अयादि संधि |
व्यंजन का व्यंजन से अथवा किसी स्वर से मेल होने पर जो परिवर्तन होता है उसे व्यंजन संधि (Vyanjan Sandhi) कहते हैं।
विसर्ग (:) के बाद स्वर या व्यंजन आने पर विसर्ग में जो विकार उत्पन्न होता है उसे ही विसर्ग-संधि (Visarg Sandhi) कहते हैं।
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