गणित के सूत्र (Math Formula In Hindi) आसानी से याद करके, गणित में Toper बनने की Secret Tricks |

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हेलो दोस्तों आपका स्वागत है, आज की हमारी इस पोस्ट में | अगर आप भी गणित के सवालों से डरते है और उन्हें हल नहीं कर पाते, तो आज की हमारी यह पोस्ट आपकी खूब सहायता करेंगी | हमारी इस पोस्ट को पूरा पढ़कर और अच्छे से समझकर आप गणित विषय के Toper बन सकते है और आप किसी भी कक्षा के किसी भी गणित के सवाल को आसानी से हल कर सकते है | अगर आप भी उन Secret Tricks को जानकर गणित के Toper बनना चाहते हो, आज में आपको गणित के सभी सूत्र के बारें और उन्हें आसानी से कैसे याद करें के बारें में पूरी जानकारी दूँगा | 

गणित के सूत्र क्या होते है? (Math Formula In Hindi)-

गणित के सूत्र (Math Formula In Hindi) आसानी से याद करके

गणित के सूत्रों को याद करने से पहले आपको गणित के सूत्र क्या होते है, का भी ज्ञान होना आवश्यक है | गणित के सभी सवालो को हल करने के लिए कुछ चरण (Steps) को Follow करना पड़ता है और सवाल के अनुसार ही आपको उस सवाल में सूत्र लगाना होता है | गणित के सभी सवाल Formula Based होते है, यानि कि सभी सवालो के लिए अलग-अलग Formula होते है |

इसलिए आपको गणित के सवालों को हल करने के लिए गणित के सूत्रों का ज्ञान होना आवश्यक है | आपको सवाल को हल करने के लिए पहले आपको सवाल को समझना होंगा, कि आपको क्या-क्या दिया गया है और आपको क्या निकालना है | उसी अनुसार आपको सवाल में सूत्र लगाना होंगा, तभी आप गणित के सवालों को आसानी से हल कर पायेंगे | आइये अब हम पहले गणित के सूत्र जानते है | 

गणित के यह सूत्र आप अवश्य याद करें, क्युकी यह सूत्र आपकी सहायता School Exam, College Exam और Competition Exam में गणित के सवालो को हल करने में सहायता करता है | 

Note :- अगर आप जाना चाहते है |

गणित के सूत्र (Math Formula In Hindi)-

आप किसी भी कक्षा में पढ़ते हो, आपको गणित के सवालों को हल करने के लिए आपको गणित के सूत्रों की आवश्यकता पड़ती ही है | इसलिए में आज आपके लिए सभी कक्षाओं के लिए गणित के सभी सूत्र लाया हूँ | जिनकी सहायता से आप अभी के और अपनी अगली कक्षाओं के भी सवालो को आसानी से हल करके Math Topper बन जाओंगे |  

Math Formula in Hindi-

बीजगणित के सूत्र (Algebra Formula)-

बीजगणित के सूत्र कैसे याद करें, गणित के सूत्र (Math Formula In Hindi)
बीजगणित के सूत्र कैसे याद करें
  • (a+b)² = a²+2ab+b²
  • (a-b)² = a²-2ab+b²
  • (a-b)² = (a+b)²-4ab
  • (a+b)² + (a-b)² = 2(a²+b²)
  • (a+b)² – (a-b)² = a³+b³+3ab(a+b)
  • (a+b)² – (a-b)² = 4ab(a+b)³ = a³+3a²b+3ab²+b³
  • (a-b)³ = a³-3a²b+3ab²-b³
  • (a-b)³ = a³+b³+3ab(a+b)
  • (a+b)³ – (a-b)³ = 2b(3a²+b²)
  • (a+b)³ + (a-b)³ = 2(a³+3ab²)
  • (a+b)³ + (a-b)³ = 2a(a²+3b²)
  • (a+b)³ – (a-b)³ = 3a²b+2b³
  • a²-b² = (a-b)(a+b)
  • a³+b³ = (a+b)(a²-ab+b²)
  • a³-b³ = (a-b)(a²+ab+b²)
  • a³-b³ = (a-b)³ + 3ab(a-b)
  • x²+y²+z²-xy-yz-zx = ½[(x-y)²+(y-z)²+(z+x)²]
  • (a+b+c)² = a²+b²+c²+2(ab+bc+ca)
  • (a+b+c)³ = a³+b³+c³+3(a+b)(b+c)(c+a)
  • (a+b+c+d)² = a²+b²+c²+d²+2(ab+ac+ad+bc+bd+cd)
  • a³+b³+c³ = (a+b+c)³ – 3(a+b)(b+c)(c+a)
  • a³+b³+c³-3abc = (a+b+c)(a²+b²+c²-ab-bc-ca)
  • a³+b³+c³-3abc = ½(a+b+c) [(a-b)²+(b-c)²+(c-a)²]
  • a²+b²+c²-ab-bc-ca = ½[(a-b)²+(b-c)²+(c-a)²]
  • ab(a-b)+bc(b-c)+ca(c-a) = -(a-b)(b-c)(c-a)
  • a²(b²-c²)-b²(c²-a²)+c²(a²-b²) = (a-b)(b-c)(c-a)
  • a(b-c)+b(c-a)+c(a-b)=0
  • a+b = (a³+b³)/(a²+ab+b²)
  • a – b = (a³-b³)/(a²+ab+b²)
  • (a+1/a)² = a²+1/a²+2
  • (a²+1/a²) = (a+1/a)²-2
  • (a-1/a)² = a²+1/a²-22
  • (a²+1/a²) = (a-1/a)²+2
  • (a³+1/a³) = (a+1/a)³-3(a+1/a)
  • a+b+c = (a³+b³+c³-3abc) / (a²+b²+c²-ab-bc-ca)

क्षेत्रमिति के सूत्र (Mensuration Formula)-

  • त्रिभुज का क्षेत्रफल – 1/2 × आधार × उचाई
  • त्रिभुज का क्षेत्रफल – √s(s-a)(s-b)(s-c)
  • त्रिभुज का परिमाप – त्रिभुज के तीनों भुजाओं का योग।

त्रिभुज के प्रकार और सूत्र (Types and Formula of Triangles)

1. समद्विबाहु त्रिभुज (Isosceles Triangle)– जिस त्रिभुज की दो भुजाएं समान आकार की होती है, उस त्रिभुज को समद्विबाहु त्रिभुज (Isosceles Triangle) कहते है | 

समद्विबाहु त्रिभुज के सूत्र (Isosceles Triangle Formula)-

  • समद्विबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल, A = a / 4 b √ (4b² – a²)
  • समद्विबाहु त्रिभुज का परिमाप,  P = 2a + b
  • समद्विबाहु त्रिभुज का शीर्षलम्ब = a / 4 b √ (4b² – a²)

2. विषमबाहु त्रिभुज (Scalene Triangle)- विषमबाहु त्रिभुज वह त्रिभुज होता है, जिसकी सभी भुजाएं असमान आकार की होती है | उस त्रिभुज को विषमबाहु त्रिभुज (Scalene Triangle) कहते है | 

विषमबाहु त्रिभुज के सूत्र (Scalene Triangle Formula)-

  • विषमबहु त्रिभुज का क्षेत्रफल, A =√ [ s(s – a)(s – b)(s – c) ]
  • दुसरें रूप में, A = ½ × आधार × ऊँचाई
  • अर्धपरिधि P = ½ ( a + b + c )

3. समकोण त्रिभुज (Right Triangle)- जिस त्रिभुज का एक कोण 90° का हो, उस त्रिभुज को समकोण त्रिभुज (Right Triangle) कहते है | 

समकोण त्रिभुज के सूत्र (Right Triangle Formula)-

  • समकोण त्रिभुज का क्षेत्रफल,  A = ½ × आधार × ऊँचाई
  • समकोण समद्विबाहु त्रिभुज का कर्ण = (√2) × भुजा
  • समकोण समद्विबाहु त्रिभुज का परिमाप = (2 + √2) × भुजा
  • समकोण समद्विबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = ½ × भुजा2

4. समबाहु त्रिभुज (Equilateral Triangle)- समबाहु त्रिभुज वह त्रिभुज होता है, जिसकी सभी भुजाएं बराबर होती है | उस त्रिभुज को समबाहु त्रिभुज (Equilateral Triangle) कहते है | 

समबाहु त्रिभुज के सूत्र (Equilateral Triangle Formula)-

  • समबाहु त्रिभुजा का क्षेत्रफल = (√3)/4 × भुजा2
  • समबाहु त्रिभुज का परिमाप = 3 × भुजा
  • समबाहु त्रिभुज का शीर्षलम्ब = (√3)/4 × भुजा

आयत (Rectangle)-

आयत वह चतुर्भुज होता है, जिसकी आमने-सामने की सभी भुजाएं समान होती है और इस चतुर्भुज के विकर्ण भी समान होते है और सभी कोण 90° के होते है | ऐसे चतुर्भज को ही आयत (Rectangle) कहते है | 

आयत के सूत्र (Rectangle Formula)-

  • आयत का परिमाप – 2 × ( लम्बाई + चौड़ाई )
  • आयत का विकर्ण- √( लंबाई 2+ चौडाई 2 ) 
  • आयत का क्षेत्रफल – लम्बाई × चौड़ाई

वर्ग (Square)-

वर्ग वह चतुर्भुज होता है, जिसकी सभी भुजाएं समान होती है और सभी कोण 90° के होते है | ऐसे चतुर्भज को ही वर्ग (Square) कहते है | 

वर्ग के सूत्र (Square Formula)-

  • वर्ग का परिमाप – 4 × भुजा  (4a) 
  • वर्ग का विकर्ण – भुजा × √2
  • वर्ग का क्षेत्रफल – भुजा × भुजा (a2) 
  • वर्ग का क्षेत्रफल – ½ × विकर्णों का गुणनफल 
  • भुजा- √ क्षेत्रफल

समचतुर्भुज (Rhombus)-

समचतुर्भुज के सभी भुजाएं समान आकार की होती है और इसके आमने-सामने के कोण भी समान होते है | समचतुर्भुज के विकर्ण जहाँ कटते है, वहाँ के कोण 90° होते है | 

समचतुर्भुज के सूत्र (Rhombus Formula)-

  • ∠A + ∠B + ∠C + ∠D = 360°
  • विषमकोण चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × दोनों विकर्णों का गुणनफल  
  • समचतुर्भुज की परिमाप = 4 × एक भुजा
  • समचतुर्भुज में => (AC)² + (BD)² = 4a²

समलंब चतुर्भुज (Trapezium)-

समलम्ब चतुर्भुज वह चतुर्भुज होता है, जिसकी आमने-सामने की 1 भुजाओं का युग्म समान्तर होता है और दूसरी दोनों भुजाओं का युग्म असामन्तर होता है | 

समलम्ब चतुर्भुज के सूत्र (Trapezium Formula)-

  • समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल= ½ (समान्तर भुजाओं का योग x  ऊंचाई)

       = ½ (समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल)
= ½ (आधार x संगत ऊंचाई)

  • परिमाप, P = a + b+ c + d

चक्रीय चतुर्भुज (Cyclic Quadrilateral)-

जिस चतुर्भुज के चारों शीर्ष किसी वृत की परिधि पर स्थित हो और जिस चतुर्भुज के आमने-सामने के दोनों कोण का योग 180° होता है | ऐसे चतुर्भुज को चक्रीय चतुर्भुज (Cyclic Quadrilateral) कहते है | 

चक्रीय चतुर्भुज के सूत्र (Cyclic Quadrilateral Formula)-

  • ∠A + ∠C = 180° 
  • ∠B + ∠D = 180°
  • क्षेत्रफल = √[s(s-a) (s-b) (s – c) (s – c)]
  • परिमाप, S = ½ ( a + b + c + d )

बहुभुज (Polygon)-

किसी भी बंद वक्र रेखा खंडो (पक्षों) का एक सेट होता है, जो कुछ इस प्रकार जुड़ा रहता है कि कोई भी दो खंड पार नहीं करते है | उसे ही बहुभुज (Polygon) कहते है | 

बहुभुज के सूत्र (Polygon Formula)-

  • n भुजा वाले चतुर्भुज का अन्तः कोणों का योग = 2(n -2) × 90°
  • समबहुभुज के प्रत्येक अंतः कोण = (n – 2) / 2 × 180°
  • n भुजा वाले बहुभुज के बहिष्कोणों का योग = 360°
  • बहुभुज के कुछ अंतः कोणों का योग = (n – 2) × 180°
  • n भुजा वाले समबहुभुज का प्रत्येक अन्तः कोण = [2(n – 2) × 90°] / n
  • बहुभुज की परिमिति = n × एक भुजा
  • नियमित षट्भुज का क्षेत्रफल = 6 × ¼√3 (भुजा)²
  • n भुजा वाले समबहुभुज का प्रत्येक भहिष्यकोण = 360°/n
  • नियमित षट्भुज का क्षेत्रफल = 3√3×½ (भुजा)²
  • सम षट्भुज की भुजा = परिवृत्त की त्रिज्या
  • नियमित षट्भुज की परिमति = 6 × भुजा
  • n भुजा वाले नियमित बहुभुज के विकर्णो की संख्या = n(n – 3)/2

वृत (Circle)-

किसी एक निश्चित बिंदु से समान दुरी पर स्थित बिंदुओं का बिन्दुपथ ही वृत (Circle) कहलाता है | 

वृत के सूत्र (Circle Formula)-

  • वृत्त का क्षेत्रफल = πr²
  • वृत्त का व्यास = 2r
  • वृत्त की परिधि = 2πr
  • वृत्त की परिधि = πd
  • त्रिज्याखण्ड का क्षेत्रफल = θ/360° × πr²
  • चाप की लम्बाई = θ/360° × 2πr
  • त्रिज्याखण्ड की परिमिति = 2r + πrθ/180°
  • वृतखण्ड का क्षेत्रफल = (πθ/360° – 1/2 sinθ)r²
  • वृतखण्ड की परिमिति = (L + πrθ)/180° , जहाँ L = जीवा की लम्बाई
  • वृत्त की त्रिज्या = √व्रत का क्षेत्रफल/π
  • वृताकार वलय का क्षेत्रफल = π (R2 – r2)
  • अर्द्धवृत्त की परिधि = ( π r  + 2 r )
  • अर्द्धवृत्त का क्षेत्रफल = 1/2πr²
  • त्रिज्याखण्ड एवं वृत्तखंड का फार्मूला

घन (Cube)-

घन एक त्रिआयामी वस्तु होती है, जिसकी बराबर आकार के फलक (फेस) होते है और सभी फलक एक वर्ग (Square) होता है | उसे ही घन (Cube) कहते है | 

घन के सूत्र (Cube Formula)-

  • पार्श्वपृष्ठ का एक किनारा = √ ( पार्श्वपृष्ठ का क्षेत्रफल / 4 )
  • घन का एक किनारा = 3√आयतन
  • घन का एक किनारा = √ (सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल / 6 )
  • घन के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 6a²
  • घन का विकर्ण = √3 × भुजा
  • घन का आयतन = भुजा × भुजा × भुजा = a3
  • घन का परिमाप = 4 a²

घनाभ (Cuboid)-

घनाभ वह आयातफलकी वह समान्तरष्टफलक है, जिसका प्रत्येक फलक आयातकार हो | उसे ही घनाभ (Cuboid) कहते है | 

घनाभ के सूत्र (Cuboid Formula)-

  • घनाभ की ऊँचाई = आयतन / ( लम्बाई × चौड़ाई )
  • घनाभ की चौड़ाई = आयतन / ( लम्बाई × ऊँचाई )
  • कमरें के चारों दीवारों का क्षेत्रफल = 2h ( l + b )
  • छत या फर्श का क्षेत्रफल = लम्बाई × चौड़ाई
  • ढक्कनरहित टंकी का क्षेत्रफल = 2h ( l + b ) + lb
  • घनाभ का आयतन =  l × b × h
  • घनाभ का परिमाप = 2(l + b) × h
  • घनाभ के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2(lb + bh + hl)
  • घनाभ का विकर्ण = √(l² + b² + h²)

बेलन (Cylinder)-

किसी आयत की एक भुजा को अक्ष मानकर उसके चारों और घूमने पर बनी आकृति को बेलन (Cylinder) कहते है | 

बेलन के सूत्र (Cylinder Formula)-

  • बेलन का वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πrh
  • बेलन का सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πr ( h + r )
  • लम्बवृतीय बेलन की ऊँचाई = (बेलन का सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल / 2πr) – r
  • लम्बवृतीय बेलन का आधार का क्षेत्रफल =  πr2
  • बेलन का आयतन = πr2h
  • बेलन की ऊँचाई = आयतन / πr2
  • लम्बवृतीय बेलन की त्रिज्या = √ ( आयतन / πh)
  • खोखले बेलन में लगी धातु का आयतन = πh (R2 – r2 )

शंकु (Cone)-

एक त्रिविमीय संरचना है, जो शीर्ष बिंदु और एक आधार को मिलाने वाली रेखाओं द्वारा निर्मित होती है | इसे ही शंकु (Cone) कहते है | 

शंकु के सूत्र (Cone Formula)-

  • शंकु के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = πrl
  • लम्बवृतीय शंकु के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = πr ( l + r )
  • शंकु का आधार का क्षेत्रफल = πr2
  • शंकु का आयतन = 1/3 πr2h
  • लम्बवृतीय शंकु की तिर्यक ऊँचाई = √ ( h2 + r2 )
  • शंकु की ऊँचाई = √ (l2 – r2 )
  • शंकु की आधार की त्रिज्या = √ (l2 – h2 )

गोला (Circle)-

गोला वह ठोस होता है, जिसका सिर्फ केवल एक तल ही होता है | इस गोले के तल का प्रत्येक बिंदु एक निश्चित बिंदु से समान दुरी पर होता है | उसे ही गोला (Circle) कहते है | 

गोला के सूत्र (Circle Formula)-

  • घन में सबसे बड़े गोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल = πr 2
  • गोले में सबसे बड़े घन की एक भुजा = 2R / √3
  • अर्द्ध गोला के वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = 2 πr2
  • किसी अर्द्ध गोला के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 3 πr2
  • अर्द्ध गोला का आयतन = 2/3 πr3
  • गोले का वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = 4πr2
  • गोला का आयतन = 4/3 πr3
  • गोलीय शेल का आयतन = 4/3 π ( R3 – r3 )
  • गोलीय शेल के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 4/3 π(R2- r2 )
  • घन ने सबसे बड़े गोले का आयतन = 1/6 a3

प्रतिशत (Percent)-

प्रतिशत के अर्थ की बात की जाएँ, तो प्रतिशत का अर्थ प्रति सौ | प्रतिशत का उपयोग गणित में किसी अनुपात को व्यक्त करने के लिए की जाती है | इसे ही प्रतिशत (Percent) कहते है | 

प्रतिशत के सूत्र (Percent  Formula)-

  • लाभ % = लाभ क्रय मूल्य × 100
  • हानि % = हानि क्रय मूल्य × 100
  • लाभ = विक्रय मूल्य – क्रय मूल्य
  •  हानि = क्रय मूल्य – विक्रय मूल्य
  • विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य + लाभ
  •  विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य – हानि
  •  क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य – लाभ
  •  क्रय मूल्य =  विक्रय मूल्य + हानि
  •  लाभ = (लाभ%/( 100 + लाभ)) × विक्रय मूल्य
  •  हानि = (हानि%/(100-हानि)) × विक्रय मूल्य

अंकगणित के सूत्र (Arithmetic)-

अंकगणित भी गणित के अंतर्गत आने वाली बहुत ही महत्वपूर्ण शाखाओं में से एक है, इसके अंतर्गत अंकों तथा संख्याओं की गणना एक निश्चित अवस्था में व्यवस्थित करके की जाती है | 

लघुतम और महत्तम (Least and Greatest)-

लघुतम वह छोटी से छोटी संख्या होती है, जो उन संख्याओं से पूर्णत विभाजित हो और महत्तम वह बड़ी से बड़ी संख्या होती, जिसमे सभी संख्यां पूर्णत विभाजित हो | लघुतम और महत्तम के सूत्र (Formulas of Least and Greatest)-

  • ल.स. = (पहली संख्या × दूसरी संख्या) ÷ HCF
  • ल.स × म.स. = पहली संख्या × दूसरी संख्या
  • पहली संख्या = (LCM × HCF) ÷ दूसरी संख्या
  • म.स. = (पहली संख्या × दूसरी संख्या) ÷ LCM
  • दूसरी संख्या = (LCM × HCF) ÷ पहली संख्या

वर्ग और वर्गमूल (Square and Square Root)-

जब किसी दी हुई संख्या को उसी संख्या से गुणा करने पर प्राप्त संख्या को ही वर्ग (Square) कहते है और जिस संख्या का वर्ग करने पर दी हुई संख्या प्राप्त होती है | उस संख्या को वर्गमूल (Square Root) कहते है | वर्गमूल को इस चिह्न ‘√’ से प्रदर्शित करते है |  

वर्ग और वर्गमूल के सूत्र (Square and Square Root Formula)-

  • (ab)1/2 = √a . b1/2 = a1/2 b1/2
  • (a-b)2 = a2 – 2ab + b2
  • (a+b)2 = a2 + 2ab + b2
  • ab = √a × √b
  • √a/b = √a / √b
  • √(a/b) = (a)1/2 / (b)1/2
  • (a+b)2 + (a-b)2 = 2(a2 + b2)

औसत (Average)-

दो या दो से अधिक संख्याओं का सजातीय पदों को औसत (Average) कहते है | यह संख्या दिए गए कुल पदों के योगफल को उन कुल पदों की संख्या से भाग देने पर प्राप्त होती है | इसे मध्यमान (Mean Value) भी कहाँ जाता है | 

  • औसत = सभी राशियों का योग/ राशियों की संख्या
  • सभी राशियों का योग = औसत × राशियों की संख्या

त्रिकोणमिति के सूत्र-

गणित के अंतर्गत त्रिकोणमिति के विशेष रूप से 6 फलनों का अध्यन किया गया है, ये त्रिकोणमिति के भुजाओं एवं कोण को मापने में मदद करता है | 

  • sinθ = लम्ब/कर्ण = p / h
  • cosθ = आधार/कर्ण = b / h
  • tanθ = लम्ब/आधार = p / b
  • cotθ = आधार/लम्ब = b / p
  • secθ = कर्ण/आधार = h / b
  • coescθ = कर्ण/लम्ब = h / p
  • sinθ × Cosecθ = 1
  • sinθ = 1 / Cosecθ
  • Cosθ × Secθ = 1
  • Cosθ = 1 / Secθ
  • Tanθ × Cotθ = 1
  • Tanθ = 1 / Cotθ
  • Cotθ = 1 / Tanθ
  • Cotθ = Cosθ / sinθ
  • Cosecθ = 1 / sinθ
  • sin²θ + cos²θ = 1
  • sin²θ = 1 – cos²θ
  • sinθ = √(1 – cos²θ)
  • cos²θ = sin²θ – 1
  • cosθ = √( sinθ – 1 )
  • 1 + tan²θ = sec²θ
  • tan²θ = sec²θ – 1
  • tanθ = √(sec²θ – 1)
  • secθ = √(1 + tan²θ) 
  • cosec²θ = cot²θ + 1
  • cosecθ = √(cot²θ + 1)
  • cot²θ = cosec²θ – 1
  • cot²θ = √(cosec²θ – 1)
  • Sin(A+B) = Sin A . Cos B + Cos A . Sin B
  • Sin(A-B) = Sin A . Cos B − Cos A . Sin B
  • Cos (A+B) = Cos A . Cos B − Sin A . Sin B
  • Cos ( A-B ) = Cos A . Cos B + Sin A . Sin B
  • Tan ( A + B ) = (Tan A + Tan B) / ( 1 − Tan A . Tan B)
  • Cot ( A + B ) = (Cot A . Cot B − 1) / (Cot B + Cot A)
  • tan(A – B)= ( tan A – tan B )/ ( 1 + tan A . tan B )
  • cot(A – B) = (cot A . cot B + 1) / ( cot B – cot A )
  • sin( 2θ ) = 2sin( θ ) • cos( θ ) = [ 2tan θ / (1+tan2 θ )]
  • cos( 2θ ) = cos2( θ ) – sin2( θ ) = [ (1- tan2  θ ) / ( 1+tan2 θ )]
  • cos( 2θ ) = 2 cos 2( θ )−1 = 1–2sin2( θ )
  • tan( 2θ ) = [ 2tan( θ )] / [1−tan2( θ )]
  • sec ( 2θ ) = sec2 θ / (2-sec2 θ )
  • Cosec ( 2θ ) = (sec θ . Cosec θ ) / 2
  • Sin 3θ = 3 sin θ – 4sin3θ
  • Cos 3θ = 4cos3 θ – 3 cos θ
  • Tan 3θ = [3tan θ – tan3 θ ] / [ 1 – 3tan2 θ ]
  • 2sin A . sin B = cos(A – B) + cos(A + B)
  • sin A . cos B = sin(A + B) + sin(A – B)
  • 2Cos A . sin B = sin(A + B) – sin(A – B)
  • 2Cos A . cos B = cos(A + B) + cos(A – B)
  • sin C + sin D = 2sin(C+D / 2) . cos(C-D / 2)
  • sin C – sin D = 2cos(C+D / 2) cos(C-D / 2)

यह त्रिकोणमिति के सूत्र है, जो आपको त्रिकोणमिति से सम्बंधित सवालों को हल करने में सहायता प्राप्त करेंगा | 

त्रिकोणमितिय टेबल (Trigonometric Table)-

त्रिकोणमिति के सवालों में कोण का मान को निकालने की कई विधि होती है, लेकिन आज यहाँ में आपको सिर्फ 0°, 30°, 45°, 60° और 90° के याद करने के दृष्टिकोण से दिया है  

संकेत30° = π/645° = π/460° = π/390° = π/2
Sin θ0½1/√2√3/21
Cos θ1√3/21/√2½0
Tan θ01/√31√3अपरिभाषित
Cot θअपरिभाषित√311/√30
Sec θ12/√3√22अपरिभाषित
Cosec θअपरिभाषित2√22/√31

FAQ

1. गणित के सूत्र को याद कैसे करें?

उत्तर- गणित के सूत्र को याद करने के लिए आप इन्हे बार-बार लिख सकते है या मन में दोहरा सकते है और धीरे-धीरे गणित के सभी सवालों को सही सूत्र लगाकर हल करने की कोशिश कर सकते है | 

2. सूत्र याद करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

उत्तर- आप जिस भी सूत्र को याद करना चाहते है, आप उस सूत्र से सम्बंधित सवालो को हल करने की कोशिश करें | 

3. मैथ में दिमाग कैसे लगाएं?

उत्तर- मैथ में दिमाग लगाने के लिए आप उससे घबराएं नहीं, आप मैथ के सवालों को आसानी से समझे और उन्हें हल करने की कोशिश करें |

4. क्या गणित के नियमों और सूत्रों को याद करने की आवश्यकता है क्यों?

उत्तर- हाँ, गणित के सवालो को आसानी से हल करने के लिए आपको गणित के नियम और सूत्रों को याद करने की आवश्यकता है | 

5. गणित का पहला सूत्र क्या है?

उत्तर- गणित का पहला सूत्र एकाधिकेन पूर्वेण है | जिसके अनुसार भारतीय संख्या पद्दति इस क्रम में ही बढ़ती है | जैसे- 1,2,3…….

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