संज्ञा की परिभाषा, भेद, उदाहरण (Sangya Kise Kahate Hain)?

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हेलो दोस्तों आपका स्वागत है, आज हम बात करेंगे | संज्ञा की परिभाषा, संज्ञा के भेद और संज्ञा के उदाहरण के बारें में आज में आपको अपनी इस पोस्ट में पूरी जानकारी दूँगा | (Sangya Kise Kahate Hain) आप हमारी इस पोस्ट को पूरा पढ़कर Sangya ki Paribhasha, Sagya ke Bhed और Sngya ki Paribhasha Udaharan Sahit के बारें में बिलकुल अच्छे से जान जायेंगे | आइये अब हम पहले Sangya ki Paribhasha को जानते है | 

संज्ञा का परिभाषा क्या होता है? (Sangya Ki Paribhasha)-

Sangya ki Paribhasha- किसी जाति, गुण, द्रव्य, भाव, व्यक्ति, स्थान और क्रिया आदि के नाम को संज्ञा कहते है | जैसे- पशु (जाति), सुंदरता (गुण), व्यथा (भाव), मोहन (व्यक्ति), दिल्ली (स्थान), मारना (क्रिया) आदि | 

संज्ञा का अर्थ (Sangya Kise Kahate Hain) किसी व्यक्ति, उसके गुण, उसके भाव, किसी स्थान आदि को ही संज्ञा कहते है | अब आप Sangya ki Paribhasha Hindi Mein के बारें में जान चुके है | आइये अब हम संज्ञा के भेद (Sangya Ke Bhed) के बारे में जानेंगे | 

संज्ञा के कौन-कौन से उदाहरण है? (Sangya Ke Udaharan)-

Sangya ki Paribhasha तो आप जान चुके है, आइये अब हम Sangya ke Udaharan के बारें में जानते है | ये कुछ संज्ञा के उदाहरण निम्न है |-

  • जाति– इंसान, कुत्ता, बन्दर आदि | 
  • गुण– ईमानदारी, सुंदरता, चालाकी आदि | 
  • भाव– प्रेम, क्रोध, दया आदि | 
  • व्यक्ति– राम, श्याम, रमेश आदि | 
  • स्थान– दिल्ली, जयपुर, मथुरा आदि | 
  • क्रिया– मरना, कूदना, बोलना आदि | 

ये कुछ संज्ञा के उदाहरण (Sangya Ke Udaharan) है, जिनकी सहायता से आप आसानी से जान सकते है | कि Sangya Kise Kahate Hain. 

Note :- अगर आप जाना चाहते है |

संज्ञा के कितने भेद होते है? (Sangya ke Bhed)-

संज्ञा के भेद की बात की जाएँ, तो Sangya Ke Bhed 5 होते है | आइये अब हम संज्ञा के 5 प्रकार जानते है, यानि कि Sangya Ke 5 Bhed को जानते है | 

  1. समूहवाचक संज्ञा 
  2. द्रव्यवाचक संज्ञा 
  3. जातिवाचक संज्ञा 
  4. व्यक्तिवाचक संज्ञा 
  5. भाववाचक संज्ञा 

समूहवाचक संज्ञा (Samuh Vachak Sangya)-

जब किसी संज्ञा या शब्द से किसी व्यक्ति या वस्तु के समूह का बोध होता है, तो उसे समूहवाचक संज्ञा (Samuh Vachak Sangya) कहते है |जैसे- परिवार, कक्षा, सेना, भीड़ , दर्शक आदि | 

समूहवाचक संज्ञा के उदाहरण (Samuhvachak Sangya ke Udaharan)-

समूहवाचक संज्ञा के उदाहरण (Samuhvachak Sangya Ke Udaharan) निम्न है | 

  • दल- अनेक व्यक्तियों के समूह से दल का निर्माण होता है |  
  • सेना- अनेक सैनिकों के समूह से ही सेना का निर्माण होता है | 
  • परिवार- घर के सभी सदस्यों को जोड़कर ही परिवार का निर्माण होता है | 
  • पुस्तकालय- जहाँ कई साड़ी पुस्तके होती है, उसे ही पुस्तकालय कहते है | 
  • भीड़- जहाँ कई व्यक्ति एक साथ होते है, उसे ही भीड़ कहते है | 

द्र्वयवाचक संज्ञा (Dravya Vachak Sangya)-

जब भी किसी संज्ञा के शब्द से किसी धातु, सामग्री, पदार्थ या द्रव्य का बोध हो, तो उसे द्र्वयवाचक संज्ञा (Dravya Vachak Sangya) कहते है | जैसे- गेंहू, चावल, घी, ऊन आदि | 

द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण (Dravya Vachak Sangya ke Udaharan)-

द्रव्यवाचक संज्ञा के उदहारण (Dravya Vachak Sangya Ke Udaharan) निम्न है | 

  • गेंहू- गेंहू भोजन की सामग्री है | 
  • चावल- चावल खाने की सामग्री है | 
  • घी– घी भी भोजन की सामग्री है |  
  • ऊन– ऊन वस्त्र के निर्माण के लिए एक सामग्री है |

जातिवाचक संज्ञा (Jativachak Sangya)-

जब किसी शब्द से किसी प्राणी या वस्तु की पूरी जाति का बोध हो, तो उसे जातिवाचक संज्ञा (Jativachak Sangya) कहते है | जैसे- घोड़ा, इंसान, मनुष्य, कुत्ता, वृक्ष आदि | 

जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण (Jativachak Sangya ke Udaharan)-

जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण (Jativachak Sangya Ke Udaharan) निम्न है | 

  • लड़का- इसे लड़कों की पूरी जाति बोध होता है | 
  • लड़की- इससे लड़की की पूरी जाति का बोध होता है | 
  • घोडा- इससे सभी घोड़ो की जाति का बोध होता है | 
  • वृक्ष- इससे सभी प्रकार के वृक्षों की जाति का बोध होता है | 
  • कुत्ता– इससे सभी प्रकार के कुत्तों की जाति का बोध होता है | 

व्यक्तिवाचक संज्ञा (Vyakti vachak Sangya)-

जिन शब्दों से किसी एक विशेष व्यक्ति, स्थान या वस्तु के नाम का बोध हो, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा (Vyakti Vachak Sangya) कहते है | जैसे- दिल्ली, भारत, रामायण, अमेरिका आदि | 

व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण (Vyakti Vachak Sangya Ke Udaharan)-

व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण (Vyakti Vachak Sangya Ke Udaharan) निम्न है |-

  • दिल्ली- दिल्ली एक शहर का नाम है | 
  • भारत- भारत एक देश का नाम है | 
  • रामायण– रामायण एक ग्रन्थ का नाम है | 
  • कार– कार यातायात का एक साधन है | 
  • हिमालय– हिमालय एक पर्वत है | 

Note :- अगर आप जाना चाहते है |

भाववाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya)-

जिस किसी संज्ञा शब्द के किसी गुण, दोष, भाव एवं दशा का बोध होता है, उसे ही भाववाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya) कहते है | जैसे- सुंदरता, कोमलता, बुढ़ापा, सत्य, जवानी आदि | 

भाववाचक संज्ञा के उदाहरण (Bhav Vachak Sangya Ke Udaharan)-

भाववाचक संज्ञा के उदाहरण (Bhav Vachak Sangya Ke Udaharan) निम्न है |-

  • सुंदरता- सुंदरता एक व्यक्ति का गुण है | 
  • कोमलता– कोमलता एक अवस्था है | 
  • बुढ़ापा- बुढ़ापा जीवन की एक अवस्था है | 
  • सत्य- सत्य एक गुण है | 
  • जवानी- जवानी जीवन की एक अवस्था है | 

FAQs-

1. संज्ञा किसे कहते है यह कितने प्रकार के होते है?

उत्तर- किसी जाति, गुण, द्रव्य, भाव, स्थान और क्रिया आदि के नाम को संज्ञा कहते है और संज्ञा के प्रकार (Sangya Ke Prakar) 5 प्रकार के होते है | 

2. संज्ञा के कितने भेद होते है With Examples?

उत्तर- संज्ञा के भेद (Sangya Ke Bhed) 5 होते है | 1.समूहवाचक संज्ञा (Samuh Vachak Sangya), 2. द्र्वयवाचक संज्ञा (Dravya Vachak Sangya), 3. जातिवाचक संज्ञा (Jativachak Sangya), 4. व्यक्तिवाचक संज्ञा (Vyakti Vachak Sangya), 5. भाववाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya) और इन सबके उदाहरण मैंने आपको ऊपर बता दिए है | 

3. संज्ञा की परिभाषा कैसे करें?

उत्तर- Sangya Ki Paribhasha आसान शब्दों में किसी वस्तु, स्थान, भाव, व्यक्ति, गुण के नाम को ही संज्ञा कहते है | 

4. जातिवाचक संज्ञा कौन-सी है?

उत्तर- जातिवाचक संज्ञा वह संज्ञा होती है, जिससे किसी प्राणी या वस्तु की जाति का पूरा बोध हो | उसे ही जातिवाचक संज्ञा (Jativachak Sangya) कहते है | 

5. बचपन में कौन-सी संज्ञा है?

उत्तर- बचपन शब्द में एक अवस्था है, इसलिए यह एकभाववाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya) है | 

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